अगर आपके निवेश का मूल्य 100 रुपये से बढ़कर 120 रुपये हो जाए, तो क्या आप इसे जोखिम मानेंगे? शायद नहीं! असली चिंता तो तब होती है जब वह 100 रुपये से गिरकर 80 रुपये हो जाए। यहीं पर आता है सेमी डीवीऐशन (Semi-Deviation) का कॉन्सेप्ट – यह एक ऐसा तरीका है जो सिर्फ उसी "खतरे" को मापता है जिससे हम सच में डरते हैं: नुकसान होने का जोखिम।
क्या आपने कभी सोचा है कि जब हम निवेश की बात करते हैं तो "जोखिम" शब्द का असली मतलब क्या होता है? अक्सर हमें लगता है कि जोखिम का मतलब है निवेश के मूल्य का ऊपर-नीचे होना। पर क्या सच में ऊपर जाना (मुनाफा) भी जोखिम है? सोचिए... अगर आपके निवेश का मूल्य 100 रुपये से बढ़कर 120 रुपये हो जाए, तो क्या आप इसे जोखिम मानेंगे? शायद नहीं! असली चिंता तो तब होती है जब वह 100 रुपये से गिरकर 80 रुपये हो जाए। यहीं पर आता है सेमी डीवीऐशन (Semi-Deviation) का कॉन्सेप्ट – यह एक ऐसा तरीका है जो सिर्फ उसी "खतरे" को मापता है जिससे हम सच में डरते हैं: नुकसान होने का जोखिम।
जोखिम को समझने की पुरानी पद्धति: स्टैन्डर्ड डीवीऐशन (Standard Deviation)
निवेश की दुनिया में जोखिम मापने के लिए सबसे प्रसिद्ध तरीका है स्टैन्डर्ड डीवीऐशन (Standard Deviation)। इसे समझना थोड़ा जटिल लग सकता है, लेकिन एक सरल उदाहरण से समझते हैं।
मान लीजिए आप हर रोज़ एक ही ठेले से भुट्टा खरीदते हैं। किसी दिन भुट्टा 20 रुपये का मिलता है, किसी दिन 22 रुपये का, तो किसी दिन 18 रुपये का। कीमत में यह उतार-चढ़ाव ही स्टैन्डर्ड डीवीऐशन दिखाता है। यह बताता है कि भुट्टे की कीमत औसतन (मान लीजिए 20 रुपये) से कितनी ऊपर-नीचे होती रहती है। जितना ज्यादा स्टैन्डर्ड डीवीऐशन , उतनी ज्यादा कीमत में उछाल।
अब इसे निवेश पर लागू करें। अगर कोई म्यूचुअल फंड या शेयर का स्टैन्डर्ड डीवीऐशन ज्यादा है, तो इसका मतलब है कि उसका रिटर्न (मुनाफा या घाटा) औसत रिटर्न से काफी ऊपर-नीचे होता है। यह तो ठीक है, लेकिन इसमें एक बड़ी खामी है: यह अच्छे उतार-चढ़ाव (मुनाफा) और बुरे उतार-चढ़ाव (नुकसान) में फर्क नहीं करता!
स्टैन्डर्ड डीवीऐशन की समस्या: मुनाफे को भी जोखिम मानना!
फिर से भुट्टे वाले उदाहरण पर लौटते हैं। मान लीजिए एक दिन भुट्टे की कीमत औसत 20 के मुकाबले घटकर 18 रुपये हो जाती है (नुकसान का डर), तो दूसरे दिन बढ़कर 25 रुपये हो जाती है (अचानक मुनाफा!)। स्टैन्डर्ड डीवीऐशन दोनों ही दिनों के उतार-चढ़ाव (18 और 25 दोनों 20 से दूर हैं) को जोखिम मानेगा। पर आम निवेशक के लिए, कीमत का 20 से बढ़कर 25 होना जोखिम नहीं, बल्कि खुशी की बात है! असली जोखिम तो तब है जब कीमत 20 से गिरकर 18 या उससे भी नीचे चली जाए।
यही स्टैन्डर्ड डीवीऐशन की सबसे बड़ी कमी है। यह आपके निवेश के "अच्छे दिनों" (जब रिटर्न औसत से ऊपर होता है) को भी जोखिम के रूप में गिनता है। लेकिन हम निवेशकों को तो सिर्फ "बुरे दिनों" (जब रिटर्न औसत से नीचे होता है या नुकसान होता है) से डर लगता है!
सेमी डीवीऐशन: सिर्फ "नुकसान" के जोखिम पर नज़र
यहीं पर सेमी डीवीऐशन (Semi-Deviation) हमारी मदद करता है। इसे "डाउनसाइड डेविएशन" भी कहा जाता है। जैसा कि नाम से ही पता चलता है, यह सिर्फ "आधे" हिस्से – नुकसान वाले हिस्से – को मापता है। यानी, सेमी डीवीऐशन सिर्फ उन्हीं समयावधियों को देखता है जब निवेश का रिटर्न या तो किसी निर्धारित लक्ष्य (जैसे औसत रिटर्न या बैंक FD का रिटर्न) से कम होता है या फिर नुकसान होता है। जब रिटर्न लक्ष्य से ऊपर होता है, सेमी डीवीऐशन उस पर ध्यान ही नहीं देता!
इसे और सरल बनाते हैं:
सरल शब्दों में: सेमी डीवीऐशन बताता है कि कोई निवेश अपने लक्ष्य रिटर्न (जैसे उसका अपना औसत) से औसतन कितना नीचे गिरने की संभावना या इतिहास रखता है, और वह भी सिर्फ तब जब वह नीचे होता है। यह बिल्कुल उस चिंता को मापता है जो आपके दिमाग में होती है: "मेरा पैसा कितना डूब सकता है?"
सेमी डीवीऐशनvs स्टैन्डर्ड डीवीऐशन : एक काल्पनिक उदाहरण
दो काल्पनिक म्यूचुअल फंड्स A और B पर विचार करें। दोनों का औसत सालाना रिटर्न 12% है। पिछले 5 सालों के रिटर्न कुछ ऐसे रहे:
स्टैन्डर्ड डीवीऐशन (Standard Deviation):
सेमी डीवीऐशन(Semi-Deviation - लक्ष्य = औसत 12%):
निष्कर्ष:
सेमी डीवीऐशन आपके लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
सेमी डीवीऐशन कहाँ मिलेगा और कैसे इस्तेमाल करें?
निष्कर्ष: अपनी चिंता का सही मापदंड चुनें
निवेश की दुनिया में जोखिम एक जटिल अवधारणा है। स्टैन्डर्ड डीवीऐशन जैसे पारंपरिक तरीके पूरी तस्वीर नहीं दिखाते क्योंकि वे मुनाफे को भी जोखिम मान बैठते हैं। सेमी डीवीऐशनएक स्मार्ट विकल्प है जो सीधे आपकी मुख्य चिंता – पैसे के डूबने के डर – पर प्रकाश डालता है। यह आपको बताता है कि किसी निवेश में औसतन कितना नीचे जाने का रिस्क है।
अगर आप सुरक्षा को तरजीह देते हैं, या फिर ऐसे निवेश चाहते हैं जो बाजार के गिरने पर बहुत ज्यादा न डूबें, तो सेमी डीवीऐशन को समझना और उसे देखना शुरू कर दें। अगली बार जब आप किसी म्यूचुअल फंड की फैक्टशीट देखें, तो सिर्फ रिटर्न और स्टैन्डर्ड डीवीऐशन पर ही न रुकें। "Semi-Deviation" या "Downside Deviation" ढूंढ़ें। यह छोटा सा आंकड़ा आपको निवेश के असली "डार्क साइड" के बारे में बहुत कुछ बता सकता है और आपको अधिक सूचित तथा शांतिपूर्ण निवेश निर्णय लेने में मदद कर सकता है। याद रखें, निवेश में सिर्फ ऊँचाई ही महत्वपूर्ण नहीं होती, बल्कि गिरने पर कितनी गहराई से बचा जा सकता है, यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है। सेमी डीवीऐशन आपको वही गहराई मापने की चाबी देता है।